मेरा अनुभव

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Friday, February 17, 2017

मैंने शुगर जैसी खतरनाक बीमारी से मात्र 1 साल मे कैसे छुटकारा पाया।

नमस्कार दोस्तो,

आज मैं आपको एक ऐसा सच बताने जा रहा हूँ जो डाइबिटिस पेशंट के लिए एक वरदान साबित होगा । 
कई सालो से एक बात सुनने को मिलती थी की Diabetes एक लाइलाज बीमारी हैं और इसका मेडिकल साइन्स मे अभी तक कोई परमानेंट इलाज भी नहीं हैं।
दूसरी और यह भी सुनने को मिलता था की ऐसी कोई भी बीमारी नही है  जिसका समाधान आयुर्वेद मे न हो। और सच तो यह हैं की मुझे तो दोनों जगह से निराशा ही हाथ लगी।
आज से 15 साल पहले मुझे ब्लड टेस्ट करवाने पर यह पता चला था की मुझे Diabetes की बीमारी हो गयी हैं। उस समय मेरा शुगर लेवेल 110 खाली पेट और 140 खाना खाने के बाद आता था।
शुगर Diagnosis होते ही डॉक्टर साहिब ने मुझे दो गोलिया खाने को दी एक सुबह के लिये और एक शाम के लिये दोनों गोलिया 250-250Mg की थी
किस कंपनी की थी उस कंपनी का नाम मैं इस लिए यहाँ नहीं लिख रहा हूँ। क्योंकि मेरा मकसद यहाँ किसी की निन्दा करना नहीं है । बल्कि सबको सही राह दिखाना हैं।
उन अँग्रेजी दवाइयों को खाने से मेरा शुगर लेवेल नॉर्मल हो गया। और मैं पहले की तरह Normal Life जीने लगा । और मैं भूल ही गया की मुझे Diabetes जैसी कोई बीमारी है।
लेकिन 2 साल बाद अचानक एक दिन मुझे घबराहट सी होने लगी। मैं डॉक्टर के पास गया। तो डॉक्टर ने मेरा शुगर लेवल टेस्ट किया। टेस्ट करने पर पता चला की मेरा शुगर लेवल 350 हो गया है।
इस रिपोर्ट के बाद डॉक्टर साहिब ने मेरी पुरानी दवाईया बंद कर दी और मुझे नई गोलिया दे दी। अब मैं रोजाना दिन मे 3 बार 500-500Mg की गोलिया खाता था।
समय गुजरने के साथ साथ ये सिलसिला बढ़ता ही चला गया। प्रत्येक 3 से 4 साल के बाद मेरी दवाइयो की डोस बढ़ती ही रहती थी।
मेरे शरीर मे हर दम थकान, कमजोरी और बेचैनी रहने लगी। एक दिन मैंने आपने डॉक्टर साहिब से कहा के डॉ साहिब रोजाना मैं इतनी गरम द्वाईया खाऊँगा तो मर ही जाऊंगा।
तो डॉक्टर साहिब ने मुझे जवाब दिया के अगर Diabetes की बीमारी के साथ जीना हैं तो रोजाना दवाईया तो खानी ही पड़ेगी और जीवन भर खानी पड़ेंगी । उनकी इस बात से मैं बड़ा मायूस सा हो गया।
एक दिन मेरे बेटे को Internet पर हर्बल मधुनाशनी दवाई के बारे मे पता चला। जिसका सेवन करने से शुगर लेवल पूरी तरह से कंट्रोल मे आ जाता है और पैंक्रियास 1 ही साल मे दुबारा से इंसुलिन बनाना शुरू कर देता है।
मेरे बेटे ने मुझे भी हर्बल मधुनाशनी दवाई के बारे मे बताया। उसकी बात सुनते ही मैंने पलटकर जवाब दिया ये सब बकवास की बाते है। यह Diabetes के पेशंट को मूर्ख बनाने का एक नया तरीका है। मैं भी ऐसे कई विज्ञापनो के झांसे मे पड़कर लाखो रु बर्बाद कर चुका हूँ।
तब मेरे बेटे ने कहा की पापा र्बल मधुनाशनी  दवाई की पूरे एक साल की कीमत मात्र 2499 रु  है । आप इसे एक बार try क्यू नहीं करते।
दवाई की कीमत सुनकर मुझे और भी ज्यादा विश्वास हो गया की ये बकवास है। जबकि मैं महीने भर मे हजारो रूपेय दवाइयो पर खर्च करके अपने शुगर लेवल को कंट्रोल नहीं कर पा रहा हूँ। तो ये 2500 रु की दवा से क्या होगा ।
हर्बल मधुनाशनी दवाई के बारे मे जब मैंने अपने दोस्तो से बात की तो मेरे दोस्तो ने कहा की यह भी Diabetes के पेशंट को बेवकूफ बनाने की कोई नयी चाल होगी। भला 2500रु की इतनी सस्ती दवा वोह भी पूरे साल भर की कैसे Diabetes मे लाभकारी हो सकती है।
मेरे दोस्त की बाते सुन कर मैंने तो मन ही मन विचार बना लिया के इस झांसे मे अब मै नहीं फसुंगा।
लेकिन मेरा बेटा कहा मानने वाला था। मुझे बिना बताये उसने हर्बल मधुनाशनी दवाई का ऑर्डर कर के उसे मँगवा लिया।
इस बात से मै उससे बड़ा नाराज़ हुआ और उसे खूब डांटा। मैंने उसे कहा ऐसी कंपनिया 99% fake ही होती है। मेरे बेटे ने मुझे पलटकर जवाब दिया papa अगर 1% भी सच हुआ तो? बेटे के इस जवाब ने मेरे भी मन मे एक आशा की किरण भर दी।
बेटे की ज़िद के आगे हार कर मैंने Herbal Madhunashni का  सेवन करना शुरू कर दिया।
पर फिर भी मन में हमेशा एक Doubt रहता था के क्या सच मे यह लकड़ी के छोटे छोटे टुकड़े Diabetes जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ सकते है।
जब मैंने हर्बल मधुनाशनी का कोर्स शुरू किया था। तो उस समय मेरा शुगर लेवेल 380 तक जा चुका था और डॉक्टर साहिब ने मुझे कहा था के अगर अब यह उनकी दी हुयी दवाइयो से कंट्रोल मे नहीं आया तो मुझे रोजाना दवाईया के साथ साथ इंसुलिन के इंजेक्शन भी लेने पड़ेंगे।
हर्बल मधुनाशनी लेने के 3 महीने बाद जब मैंने अपना शुगर का लेवल चेक किया तो वो 290 आया।
मन मे पहली बार खुशी हुयी के 3 महीने मे मेरा शुगर का लेवल 380 से 290 आ गया हैं। अब मुझे यकीन होने लगा था के हर्बल मधुनाशनी को मँगवाने का मेरे बेटे का फैसला शायद बिलकुल सही था।
इस बात को मैंने अपने उस दोस्त के साथ भी share किया जिसने मुझे हर्बल मधुनाशनी लेने से मना किया था।
मैंने उसे बताया के हर्बल मधुनाशनी लेने से  मेरे शुगर का लेवल 380 से 290 आ गया हैं और वोह भी 3 महीने मे। मैंने उसे भी हर्बल मधुनाशनी का सेवन करने की सलाह दी।
पर उसने मेरी बात को मज़ाक समझ कर कहा तुझे तो तेरे बेटे ने फसा ही दिया है। मुझे तू क्यों फसा रहा है। उसकी यह बात सुन कर उस दिन मुझे यकीन हो गया के आज के युग मे किसी को भी सच्चाई पर जल्दी यकीन नहीं होता और झूठ पर सब बड़ी जल्दी यकीन करते है।
लेकिन हर्बल मधुनाशनी ने मेरी सोच को बिलकुल बदल दिया था और मुझे यकीन होने लगा था के मधुमेह जैसी खतरनाक बीमारी का सबसे अच्छा और सबसे सस्ता इलाज हर्बल मधुनाशनी ही है।
मै हर्बल मधुनाशनी का रोजाना सेवन बड़े विश्वास और नियम अनुसार करता चला गया।
Herbal Madhunashni का लगातार 6 महीने तक सेवन करने के बाद एक दिन मैंने अपना शुगर का लेवल चेक किया तो नतीजे को देख कर मै तो दंग ही रह गया क्योंकि इस बार मेरा शुगर का लेवल 185 आया था।
मेरे लिए यह किसी चमत्कार से कम नहीं था। अब तो  हर्बल मधुनाशनी के यह छोटे छोटे लकड़ी के टुकड़े मेरे लिए किसी संजीवनी बूटी से कम नहीं थे।
जैसे जैसे मेरा शुगर का लेवल कंट्रोल मे आता गया, डॉक्टर साहिब के अनुसार वैसे वैसे मेरी अँग्रेजी दवाईया की डोसेज भी कम होती गयी।
एक साल बाद वो दिन आया जिसका इंतज़ार मुझे बड़ी बेसबरी से था। एक साल के बाद मेरा शुगर का लेवल 110 तक आ चुका था और मेरी सारी अँग्रेजी दवाईया भी बंद हो चुकी थी।
उस दिन मुझे यह बात समझ मे आ गई की  ऐसी कोई भी बीमारी नही जिसका समाधान आयुर्वेद मे न हो। बस जरूरत हैं तो ढूंढने वालो की।
बस अब हर्बल मधुनाशनी को लेकर मन मे एक ही प्रश्न था के क्या सच मे Herbal Madhunashni के ओषधिये गुणो से युक्त यह पेड़ केवल अफ्रीका मे ही पाये जाते है। क्योंकि कंपनी की इस बात पर मुझे पूरी तरह से अभी भी यकीन नहीं होता था।
मैंने  इस विषय मे अपने कई जानकारो से बात किसी ने मुझे बताया के यह विजयसार नामक पेड़ की लकड़ी है और हर पंसारी की दुकान पर मिलती है। इस बात को  सुनते ही फौरन मै पंसारी की दुकान पर पहुँच गया और विजयसार की लकड़ी मांगी।  विजयसार की लकड़ी को देखते ही मै समझ गया के यह हर्बल मधुनाशनी नहीं है
क्योंकि विजयसार की लकड़ी का रंग लाल था। जब की हर्बल मधुनाशनी देखने मै उससे बिलकुल अलग थी।
हर्बल मधुनाश्नी
     
विजयसार
अब मुझे कंपनी की इस बात पर भी पूरी तरह से यकीन हो गया था के हर्बल मधुनाशनी के ओषधिये गुणो से युक्त यह पेड़ केवल अफ्रीका मे ही पाये जाते है
दोस्तो मेरा ये लेख लिखने का मकसद सिर्फ इतना ही है की जिस पीड़ा से मैं गुजरा हूँ। उस पीड़ा से संसार का कोई भी व्यक्ति न गुजरे और  दूसरा की संसार का प्रत्येक व्यक्ति ये जाने की ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसका आयुर्वेद मे समाधान न हो। चाहे वो डाइबिटिस ही क्यों न हो।
आशा करता हूँ के मेरा ये लेख हर डाइबिटिस के पेशंट के एक वरदान साबित होगा।
सभी से Request है की जो भी हर्बल मधुनाशनी सेवन कर रहे वो नीचे कमेंट बॉक्स मे कमेंट जरूर करे। ताकि हर इंसान हर्बल मधुनाशनी के बारे मे सच्चाई जान सके।
अगर आपको लगे की ये किसी प्रकार का विज्ञापन है और मैं भी इस विज्ञापन का एक हिस्सा हूँ। तो आप जीवन भर डाइबिटिस के लिए अँग्रेजी द्वाईया ही खाइये। 
और जिन लोगो मेरी बात मे सच्चाई दिखे तो एक बार हर्बल  मधुनाशनी जरूर मँगवाए। 
मैं हर्बल मधुनाशनी साइट लिंक दे रहा हूँ। किसी प्रकार की जानकारी या फिर हर्बल  मधुनाशनी मँगवाने के लिए लिंक पर क्लिक करे।  

Posted by एक अनुभव at 7:28 AM